Wednesday, December 16, 2015

ईश्वर

ईश्वर से क्या माँगूँ।
माँगना तो व्यर्थ।
मुझको तो कैसे रहना है?
क्या देना है?कया लेना है?
जानते है सर्वेश्वर  सृष्टि के पहले ही।
मुझे क्या बनना है?  क्या बनाना है या क्या बनवाना है?
अधिकारी बनूँ या चपरासी?
राजा बनूँ या रंक।
पूर्व व्यवस्था हो गयी।
मैं माँगूँ क्या?
माँगने से मरना भला।
ईश्वर से माँगूँ क्या?


No comments: