Thursday, July 4, 2019

सुमन

मंच को प्रणाम।
सुमन में उठते
शुभ  विचार।
सुयुक्ति,सद्भावनाएँ।
फूल खिलते सुगंध फैलाते, सूख जाते।
सुमन में  खिले विचार,
पीढी दर पीढी,
सन्मार्ग, सुमार्ग दिखाते।
सुमन संगति का फल।
सुमन  प्रकृति  की देन।
प्रकृति  सुमन को
सुगंधित इत्र  बनाना,
चतुर सुमन में उदित  विचार ।
फूल  से विकसित फल,
फल से उत्पन्न  बीज,
वनस्पति  विकास  की
ईश्वरीय देन।
सुमन में  विकसित
फल है सद्विचार।
वह मानवीय  शांति  संतोष  का मूल।
सुमन  मानव शक्ति प्रदान करना
   महानों की देन।
सुमनों की  सत्संगति
आत्मानंद, आत्मसम्मान, आत्म संतोष,
विश्व बंधुत्व का मूल।
स्वरचित स्वचिंतक = अनंतकृष्णन ।(मतिनंत)।

जंगल

समन्वयक, संयोजक, संचालक, सबको प्रणाम।
  शीर्षक:-जंगल/वाटिका/उपवन।
  जंगल  की  वनस्पतियाँ
  ईश्वर  पालित प्राकृतिक
संतुलन  के ईश्वर  सृजन।
उपवन ईश्वर की दी
बुद्धि  से मानव निर्मित।
जंगल  में  आदमखोर।
ज॔गल में  भयंकर जंतु।
जंगल में  वन महोत्सव।
ऋषि मुनि सिद्ध पुरुषों का आवास स्थान।
 असाध्य रोगों की जडी बूटियों  के केंद्र।
जंगल  सुरक्षा  विश्व समृद्धि  का,
पर्याप्त  वर्षा  का मूल।
वाटिका  मानव निर्मित।
पानी  देना ,खाद देना,
सुंदरता  के  लिए  काटना।
मानव परिश्रम से निर्मित।
ईश्वर  निर्मित
 जंगल  काटना
ईश्वर  का अपमान।
हद तक  सहेंगे।
ज्ञान चक्षु प्राप्त मानव की
आँखें  न खुलेंगी  तो
भूकंप, सूनामी,अकाल निश्चित।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण की प्रार्थनाएं।

Wednesday, July 3, 2019

पाप पुण्य

सबको सादर प्रणाम।
शीर्षक :-पाप -पुण्य
संचालक :-विद्या भूषन मिश्रा जी

मेरे विचार :
पाप -पुण्य पर विचार करो।

पापी  के लिए पाप कार्य में संतोष।

पुण्यात्मा  के लिए पाप कर्म से असंतोष।

भगवान की सृष्टियों  का अध्ययन किया  तो

बाघ  के  हिरन का शिकार उसके लिए
ईश्वरीय  देन।

इसे देख पछताते हुए
बकरी का  माँस  खरीदने जाने वाला
बुद्धि  जीवी मनुष्य  का काम
पाप  है  या पुण्य ?
सोचिये ! अभिमन्यु का वध पाप है  तो
 छल से जयद्रध का  वध पुण्य कैसे ?
कर्ण  का वध  पाप है  या  पुण्य ?

नरसिंहावतार   पुण्य है ,
वध भी स्वीकार्य है।

द्रोण  का वध ?
यही निष्कर्ष पाप या पुण्य
सब के मूल में एक  अज्ञात शक्ति।
तभी कहते हैं ऋषी मूल ,नदी मूल न देखना।
सबहीं  नचावत  राम गोसाई।
इसमें पाप क्या ? पुण्य क्या ?
पैसे लेकर वोट देना पाप।
भ्रष्टाचारियों को वोट देना पाप।
भ्रष्टाचारियों को सांसद बनना -बनाना
सिरोरेखा  या  भाग्यवाद पता नहीं।
समझ में  नहीं आता पाप क्या ?पुण्य क्या?
पाप -पुण्य दोनों की सृष्टि का दोष
किसका है  ?
अनजाने में दुर्घटनाएं , मृत्यु ,रोग ,असाध्य रोग
पाप -पुण्य  का फल कहते ;
पर महानों की मृत्यु  अल्प  आयु में ?
बोलिये पाप क्या ?पुण्य क्या ?
स्वरचित ; स्वचिंतक :पाप -पुण्य पर विचार करो।

पापी  के लिए पाप कार्य में संतोष।

पुण्यात्मा  के लिए पाप कर्म से असंतोष।

भगवान की सृष्टियों  का अध्ययन किया  तो

बाघ  के  हिरन का शिकार उसके लिए
ईश्वरीय  देन।

इसे देख पछताते हुए
बकरी का  माँस  खरीदने जाने वाला
बुद्धि  जीवी मनुष्य  का काम
पाप  है  या पुण्य ?
सोचिये ! अभिमन्यु का वध पाप है  तो
 छल से जयद्रध का  वध पुण्य कैसे ?
कर्ण  का वध  पाप है  या  पुण्य ?

नरसिंहावतार   पुण्य है ,
वध भी स्वीकार्य है।

द्रोण  का वध ?
यही निष्कर्ष पाप या पुण्य
सब के मूल में एक  अज्ञात शक्ति।
तभी कहते हैं ऋषी मूल ,नदी मूल न देखना।
सबहीं  नचावत  राम गोसाई।
इसमें पाप क्या ? पुण्य क्या ?
पैसे लेकर वोट देना पाप।
भ्रष्टाचारियों को वोट देना पाप।
भ्रष्टाचारियों को सांसद बनना -बनाना
सिरोरेखा  या  भाग्यवाद पता नहीं।
समझ में  नहीं आता पाप क्या ?पुण्य क्या?
पाप -पुण्य दोनों की सृष्टि का दोष
किसका है  ?
अनजाने में दुर्घटनाएं , मृत्यु ,रोग ,असाध्य रोग
पाप -पुण्य  का फल कहते ;
पर महानों की मृत्यु  अल्प  आयु में ?
बोलिये पाप क्या ?पुण्य क्या ?

-स्वचिंतक स्वरचित :यस.अनंतकृष्णन

नहीं मिलते।

सुप्रभात।
नमस्ते।
 संचालक, संयोजक, सदस्य  सबको प्रणाम।
शीर्षक: -नहीं  मिलते ।

नहीं मिलते,
आलसियों को,
सांसारिक सुख।
प्रयत्न  से  मिलती
सुख सुविधाएँ,
  पूर्व जन्म के फलानुसार,
पद,धन,मिलते।
 मानव जीवन में
 अशिक्षित लोगों को
 नहीं  मिलते
आराम की जिंदगी।
  कबीर  के अनुसार
 गोताखोरों को
 मोती मिलते,
भयभीत  किनारे बैठे
लोगों  को  कुछ
नहीं मिलते।
हर काम  की सफलता
ईश्वरानुग्रह  से।
 ईश्वरानुग्रह न हो तो
 न पद,न प्रगति,
न धन दौलत।
एकता  नहीं  तो
शांति नहीं  मिलती।
हिंसकों को चैन नहीं मिलते।
भ्रष्टाचारियों को नहीं मिलते
  आत्म संतोष, आत्मसम्मान।
 कभी नहीं  मिलते आराम 
संतानों को
रिश्वत के पैसों से।
जंगलों को मिटाने से,
पेड़ों  को काटने से
भूमि  को समृद्धि
 नहीं मिलती जान ।
   सज्जन  दोस्त 
दुर्भाग्यवानों को
नहीं मिलते।
स्वरचित
स्वचिंतक  यस .अनंतकृष्णन।

மதுரை

மதுரையிலேயே பஞ்சபூதத் தலங்கள் உள்ளதை நம்மில் பலபேர் அறிந்திருக்க வாய்ப்பில்லை🌹.
அவை:
1) மதுரை செல்லூரில் உள்ள திருவாப்புடையார் கோயில் 'நீர் ஸ்தலம்',
2) சிம்மக்கல் பழைய சொக்கநாதர் கோயில் 'ஆகாய ஸ்தலம்',
3) இம்மையில் நன்மை தருவார் கோயில் 'நில ஸ்தலம்',
4) தெற்கு மாசி வீதி தென் திருவாலவாயர் கோயில் 'நெருப்பு ஸ்தலம்',
5) தெப்பக்குளம் முக்தீஸ்வரர் கோயில் 'காற்று ஸ்தலம்' ஆகியவை மதுரையின் பஞ்சபூத ஸ்தலங்கள்
அதனால் தான் பஞ்சபூதங்களை உள்ளடக்கி வெள்ளை, ஊதா, பச்சை, சிவப்பு, மஞ்சள் நிறங்கள் கலந்த பஞ்சவர்ண கிளியை அன்னை மீனாட்சி கையில் பிடித்துள்ளாள் .
அப்பன் சிவனும் 64 திருவிளையாடல்களையும் கடம்பவனமாம் மதுரையிலேயே நிகழ்த்தி உள்ளார்.
திருவாரூரில் பிறந்தால் புண்ணியம்,
காஞ்சியில் வாழ்ந்தால் புண்ணியம்,
காசியில் இறந்தால் புண்ணியம்,
சிதம்பரத்தில் வழிபட்டால் புண்ணியம்,
திருவண்ணாமலையை நினைத்தாலே புண்ணியம் .
மதுரையில் பிறந்தாலும்
மதுரையில் வாழ்ந்தாலும்
மதுரையில் இறந்தாலும்
மதுரையில் வழிபட்டாலும்
மதுரையை நினைத்தாலும் புண்ணியம்.
சீறா நாகம், கறவா பசு, பிளிறா யானை, முட்டா காளை, ஓடா மான், வாடா மலை,காயா பாறை, பாடா குயில்
இவை அனைத்தும் மதுரை நகரின் அந்தக்காலத்து எட்டு திசைகளைக் குறிக்கும் எல்கை ஊர்கள்.👇👇👇
சீறா நாகம் - நாகமலை
கறவா பசு - பசுமலை
பிளிறா யானை - யானைமலை
முட்டா காளை - திருப்பாலை
ஓடா மான் - சிலைமான்
வாடா மலை - அழகர்மலை
காயா பாறை - வாடிப்பட்டி
பாடா குயில் - குயில்குடி