सुप्रभात।
नमस्ते।
संचालक, संयोजक, सदस्य सबको प्रणाम।
शीर्षक: -नहीं मिलते ।
नहीं मिलते,
आलसियों को,
सांसारिक सुख।
प्रयत्न से मिलती
सुख सुविधाएँ,
पूर्व जन्म के फलानुसार,
पद,धन,मिलते।
मानव जीवन में
अशिक्षित लोगों को
नहीं मिलते
आराम की जिंदगी।
कबीर के अनुसार
गोताखोरों को
मोती मिलते,
भयभीत किनारे बैठे
लोगों को कुछ
नहीं मिलते।
हर काम की सफलता
ईश्वरानुग्रह से।
ईश्वरानुग्रह न हो तो
न पद,न प्रगति,
न धन दौलत।
एकता नहीं तो
शांति नहीं मिलती।
हिंसकों को चैन नहीं मिलते।
भ्रष्टाचारियों को नहीं मिलते
आत्म संतोष, आत्मसम्मान।
कभी नहीं मिलते आराम
संतानों को
रिश्वत के पैसों से।
जंगलों को मिटाने से,
पेड़ों को काटने से
भूमि को समृद्धि
नहीं मिलती जान ।
सज्जन दोस्त
दुर्भाग्यवानों को
नहीं मिलते।
स्वरचित
स्वचिंतक यस .अनंतकृष्णन।
नमस्ते।
संचालक, संयोजक, सदस्य सबको प्रणाम।
शीर्षक: -नहीं मिलते ।
नहीं मिलते,
आलसियों को,
सांसारिक सुख।
प्रयत्न से मिलती
सुख सुविधाएँ,
पूर्व जन्म के फलानुसार,
पद,धन,मिलते।
मानव जीवन में
अशिक्षित लोगों को
नहीं मिलते
आराम की जिंदगी।
कबीर के अनुसार
गोताखोरों को
मोती मिलते,
भयभीत किनारे बैठे
लोगों को कुछ
नहीं मिलते।
हर काम की सफलता
ईश्वरानुग्रह से।
ईश्वरानुग्रह न हो तो
न पद,न प्रगति,
न धन दौलत।
एकता नहीं तो
शांति नहीं मिलती।
हिंसकों को चैन नहीं मिलते।
भ्रष्टाचारियों को नहीं मिलते
आत्म संतोष, आत्मसम्मान।
कभी नहीं मिलते आराम
संतानों को
रिश्वत के पैसों से।
जंगलों को मिटाने से,
पेड़ों को काटने से
भूमि को समृद्धि
नहीं मिलती जान ।
सज्जन दोस्त
दुर्भाग्यवानों को
नहीं मिलते।
स्वरचित
स्वचिंतक यस .अनंतकृष्णन।
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