समन्वयक, संयोजक, संचालक, सबको प्रणाम।
शीर्षक:-जंगल/वाटिका/उपवन।
जंगल की वनस्पतियाँ
ईश्वर पालित प्राकृतिक
संतुलन के ईश्वर सृजन।
उपवन ईश्वर की दी
बुद्धि से मानव निर्मित।
जंगल में आदमखोर।
ज॔गल में भयंकर जंतु।
जंगल में वन महोत्सव।
ऋषि मुनि सिद्ध पुरुषों का आवास स्थान।
असाध्य रोगों की जडी बूटियों के केंद्र।
जंगल सुरक्षा विश्व समृद्धि का,
पर्याप्त वर्षा का मूल।
वाटिका मानव निर्मित।
पानी देना ,खाद देना,
सुंदरता के लिए काटना।
मानव परिश्रम से निर्मित।
ईश्वर निर्मित
जंगल काटना
ईश्वर का अपमान।
हद तक सहेंगे।
ज्ञान चक्षु प्राप्त मानव की
आँखें न खुलेंगी तो
भूकंप, सूनामी,अकाल निश्चित।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण की प्रार्थनाएं।
शीर्षक:-जंगल/वाटिका/उपवन।
जंगल की वनस्पतियाँ
ईश्वर पालित प्राकृतिक
संतुलन के ईश्वर सृजन।
उपवन ईश्वर की दी
बुद्धि से मानव निर्मित।
जंगल में आदमखोर।
ज॔गल में भयंकर जंतु।
जंगल में वन महोत्सव।
ऋषि मुनि सिद्ध पुरुषों का आवास स्थान।
असाध्य रोगों की जडी बूटियों के केंद्र।
जंगल सुरक्षा विश्व समृद्धि का,
पर्याप्त वर्षा का मूल।
वाटिका मानव निर्मित।
पानी देना ,खाद देना,
सुंदरता के लिए काटना।
मानव परिश्रम से निर्मित।
ईश्वर निर्मित
जंगल काटना
ईश्वर का अपमान।
हद तक सहेंगे।
ज्ञान चक्षु प्राप्त मानव की
आँखें न खुलेंगी तो
भूकंप, सूनामी,अकाल निश्चित।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण की प्रार्थनाएं।
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