Tuesday, May 5, 2015

 भगवान  वह तो   बागवान। 

रंगबिरंगे  फूल -फल  

 उनमें स्वाद भेद -सुगंध भेद ,

रंग बिरंगे पत्थर ,पानी मीठे ,खारा। 

वह भगवान बागवान की लीला विचित्र। 
मनुष्य में भी कितने  भेद ;
नाटा -लंबा ,काला -गोरा ,अति गोरा ,अति काला 
भाषा में भी  फर्क  कितने ,
नाच ,रंग ,गाना ,राग  बाजा ,वाद्य -यंत्रों में 
कितने भेद ; कितने मनोभाव ;
मेहनती ,आलसी ,सेवक,मालिक ,त्यागी ,भोगी ,रोगी ,
मनुष्य  की ध्वनि में कितने भेद ,
मधुर ,कठोर ,सुरीला ,मंद ,तीव्र 
भगवान  बागवान की लीला अनेक। 
दोदोस्ती -दुश्मनी ,क्षमाशील ,विनम्र ,
बदला ,जानी दुश्मन  न  जाने  
भगवान की लीला अनेक. 
दानी ,कंजूसी ,लोभी ,क्रोधी ,प्रेमी 
अति गहरे विचार करें तो हम हैं नादानी 
उनकी रचनाओं से;
वह तो भगवान बागवान चमत्कारी जादूगर;















No comments: