भगवान वह तो बागवान।
रंगबिरंगे फूल -फल
उनमें स्वाद भेद -सुगंध भेद ,
रंग बिरंगे पत्थर ,पानी मीठे ,खारा।
वह भगवान बागवान की लीला विचित्र।
मनुष्य में भी कितने भेद ;
नाटा -लंबा ,काला -गोरा ,अति गोरा ,अति काला
भाषा में भी फर्क कितने ,
नाच ,रंग ,गाना ,राग बाजा ,वाद्य -यंत्रों में
कितने भेद ; कितने मनोभाव ;
मेहनती ,आलसी ,सेवक,मालिक ,त्यागी ,भोगी ,रोगी ,
मनुष्य की ध्वनि में कितने भेद ,
मधुर ,कठोर ,सुरीला ,मंद ,तीव्र
भगवान बागवान की लीला अनेक।
दोदोस्ती -दुश्मनी ,क्षमाशील ,विनम्र ,
बदला ,जानी दुश्मन न जाने
भगवान की लीला अनेक.
दानी ,कंजूसी ,लोभी ,क्रोधी ,प्रेमी
अति गहरे विचार करें तो हम हैं नादानी
उनकी रचनाओं से;
वह तो भगवान बागवान चमत्कारी जादूगर;
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