हम मनुष्य भोले -भाले
कर सकते हैं पहाड़ को राई।
राई को पहाड़ बनाना नहीं जानते.
नदी को बाँध बनाकर रोकना तो जानते हैं ,
पर नहीं जानते नयी नदी की सृष्टी।
मारना -क़त्ल करना जानते हैं
न जानते हैं
जीवित करना।
जानते हैं ठगना -ठगाना
पर हम ठग प्रकट करना
मानना नहीं जानते.
बच्चे से जवान ,जवान से बूढा
बूढ़े से शव जैसे होते हैं
न तो जानते हैं
,सदा जवानी बनाये रखने के काबिल नहीं हम.
पर अहंकार भरी बातें ,
करने में तो काबिल.
बमें बनाने ,फेंकने जान लेने ,डराने ,धमकाने
तो जानते हैं हम,
पर विनाश की तरीकों को
दुखाने को
रिश्वत देकर पद पाने को
जो गलत तरिकाएँ हैं सब तो जानते हैं
पर यह नहीं जानते मृत्यु से
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