Saturday, September 17, 2022

 [17/09, 12:52 pm] sanantha .50@gmail.com: பாரதி சின்னப்பயல்.

காந்திமதி சாதனைப் 

 பார்  அதி சின்னப்பயல்.

 தமிழில் இப்படி பேசியே தமிழர்களுக்கு   தமிழ் பிடிக்கவில்லை.

 கருப்பன் என்றால் பிடிக்காது . ஷ்யாம் என்றால் பிடிக்கும்.

 வெள்ளையம்மாள் பிடிக்காது.ஸ்வேதா பிடிக்கும்.

[17/09, 12:52 pm] sanantha .50@gmail.com: சீனப்பொருள் வாங்காதீர்கள் என்று மக்களிடம் வேண்டுதலை விட சீனப் பொருள்கள் இறக்குமதி யையும் விற்பனைனையையும் மத்திய மாநில அரசுகள் தடை செய்யலாமே.

2.

 குடி குடியைக் கொடுக்கும் என்ற சிறிய எழுத்து விளம்பரங்கள் செய்து மக்களை அலங்கார மதுக்கடைகளுக்கு  செல்லவிடாமல் தடுக்க மதுக்கடைகளை மூட தாமே.


3.ஒரு லக்ஷம் விநாயகர் செய்து கடவுள் அவமானத்தை விடுத்து ஒரு லக்ஷம் மதம் மாறிய ஹிந்துக்களை தாய் மதம் மாற்ற முயற்சிக்கலாமே.

4.

 மதுக்கடைகளை மூடு என்று ஆர்ப்பாட்டம் விடுத்து மதுக்கடை செல்லாமல் இருந்தாலே மூடப்பட்டு விடும்.

தமிழ் வழி பள்ளிகள் போல்.

சே.அனந்தகிருஷ்ணன்.

[17/09, 12:52 pm] sanantha .50@gmail.com: प्रार्थना 

ईश्वर वंदना।

आँखें  बंदकर बैठना नहीं,

अगजग के कल्याण के लिए

अपना कर्तव्य निभाना है।।

जन्मकुंडली में लिखा है,

सिरोरेखा।

शारीरिक बल, बुद्धि बल,आर्थिक बल।

सबमें नहीं बराबर।।

अष्ट लक्ष्मी की कृपा,

अलग अलग व्यक्ति पर।।

मानव का विकास स्वाश्रित नहीं,

पराश्रित !

बया सा अपने लिए 

घोंसला बना नहीं सकता।

खुद जन्म लेते ही चल फिर नहीं सकता।।

पालने माता पिता चाहिए।

बुद्धि बल  के  लिए ईश्वरानुग्रह चाहिए।।

प्रार्थना से तो संयम,

मानसिक नियंत्रण संभव।।

शारीरिक बल,सुंदरता, स्वस्थ अस्वस्थ जीवन सृजन सृजनहार पर निर्भर।।

धनी निस्संतान, ज्ञानी दरिद्र, बलीमूर्ख, 

भूमि में बंजर भूमि, मरुभूमि, मरिचिका, पहाड़ी, समृद्ध भूमि।

नदियों में जीवनदी, जंगली नदी,मौसमी नदी।

पानी में अंतर,मिट्टी में अंतर, 

वनस्पति जगत में तो स्वादमें भिन्न।

जड़ी बूटियों घासफूस गगन चुंगी ऊँचे वृक्ष।।

जंगली झाडियाँ  ईश्वरीय सृष्टियों में

 मानव श्रेष्ठ पर बल गुण यश अपयश।

पूर्ण आयु अल्पायु  सृजन सृजनहार पर निर्भर।

आज जो कुछ लिखा, ईश्वरीय देन।।

स्वरचित नहीं, स्वचिंतन नहीं,

सर्वेश्वर की अनुकंपा।।

पर नाम है मेरा अनंतकृष्णन तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

ईश्वर की सूक्ष्म लीला।।

[17/09, 12:52 pm] sanantha .50@gmail.com: तमिऴ सीखिए ---

इनका ===इवरुडैय 

ये रामदास हैं।==इवर् रामदास हैं। 

इनका घर दिल्ली में है।

ये कुत्ते  हैं।==इवैकळ  नायकळ्।

इनका मालिक  गोपाल है।इवैकळुडैय यजमानर्  गोपाल।

वे कृष्ण है --अवर किरुष्णर्।

उनका बेटा गोपाल है। अवरुडैय मकन् ्गोपाल।।

वे  घर हैं। अवैकळ वीडुकळ्।

उनके मालिक वैधानिक है।

अवैकळुडैय चोंदक्कारर चट्टसबै  उरुप्पिनर्।।

[17/09, 12:52 pm] sanantha .50@gmail.com: இறைவணக்கம்.

கடவுள் வணக்கம்.

கண்ணை மூடி அமர்வதில்லை.

அகில உலக நன்மைக்காக 

நம் கடமையை கடைப்பிடித்தல்.

ஜாதகத்தில் நமது தலையெழுத்து எழுதப்பட்டிருக்கிறது.

உடல் திறன் அறிவுத்திறன் பணவலிமை

அனைவருக்கும் சமம் இல்லை.

அஷ்டமி கிருபை தனித்தனி.

மனிதனின் வளர்ச்சி சுயத்தை சார்ந்ததல்ல.

மற்றவர்களைப் சார்ந்ததே.

தூக்கணாங்குருவிபோல் தனக்காக

வீடுகட்ட முடியாது.

பிறந்தது மே தானாகவே நடக்கமுடியாது.

வளர்ப்பதற்குத் தாய் தந்தை இருவரும் வேண்டும்.

அறிவுத் திறனுக்கு ஆண்டவன் அனுக்கிரகம் வேண்டும்.

இறைவணக்கத்தால் 

மனக்கட்டுப்பாடு

புலனடக்கம் முடியும்.

உடல் வலிமை ,ஆரோக்கியம்,

ஆரோக்கியமற்ற நிலையான வாழ்க்கைப் படைப்பு இறைவனைப்

பொறுத்தது.

பணக்காரன் குழந்தை யின்றி இருத்தல்.

நதிகளில் ஜீவநதி, பருவ நதி,மழைகால நதி.

பூமியில் நஞ்சை புஞ்சை ,கானல் நீர்.

மலைப்பிரதேசம், செழிப்பான பூமி. 

தண்ணீர்  வேறுபாடு ,மண்வேறுபாடு.

தாவரஉலகில் ருசி வேறுபாடுகள்.

செடி கொடிகள் வானளாவிய மரங்கள்

காட்டுப் புதர்கள். 

படைப்புகளில் மனிதன் உயர்ந்தவன்.


ஆனால் அவன் பலம் அறிவுத்திறன்

முழு வயது   சிறுவயதில் மரணம் அனைத்தும் படைப்பாளி 

இறைவன் தருபவை.

சுய படைப்பு அல்ல. சுய சிந்தனை அல்ல.

ஆனால் பெயர்

அனந்த கிருஷ்ணன் ஹிந்தி அன்பன் தமிழ் நாட்டு ஹிந்தி பரப்புனர்.

 



प्रार्थना 

ईश्वर वंदना।

आँखें  बंदकर बैठना नहीं,

अगजग के कल्याण के लिए

अपना कर्तव्य निभाना है।।

जन्मकुंडली में लिखा है,

सिरोरेखा।

शारीरिक बल, बुद्धि बल,आर्थिक बल।

सबमें नहीं बराबर।।

अष्ट लक्ष्मी की कृपा,

अलग अलग व्यक्ति पर।।

मानव का विकास स्वाश्रित नहीं,

पराश्रित !

बया सा अपने लिए 

घोंसला बना नहीं सकता।

खुद जन्म लेते ही चल फिर नहीं सकता।।

पालने माता पिता चाहिए।

बुद्धि बल  के  लिए ईश्वरानुग्रह चाहिए।।

प्रार्थना से तो संयम,

मानसिक नियंत्रण संभव।।

.

शारीरिक बल,सुंदरता, स्वस्थ अस्वस्थ जीवन सृजन सृजनहार पर निर्भर।।

  धनी निस्संतान, ज्ञानी दरिद्र, बलीमूर्ख, 

भूमि में बंजर भूमि, मरुभूमि, मरिचिका, पहाड़ी, समृद्ध भूमि।

नदियों में जीवनदी, जंगली नदी,मौसमी नदी।

पानी में अंतर,मिट्टी में अंतर, 

वनस्पति जगत में तो स्वादमें भिन्न।

जड़ी बूटियों घासफूस गगन चुंगी ऊँचे वृक्ष।।

जंगली झाडियाँ  ईश्वरीय सृष्टियों में

 मानव श्रेष्ठ पर बल गुण यश अपयश।

पूर्ण आयु अल्पायु  सृजन सृजनहार पर निर्भर।

आज जो कुछ लिखा, ईश्वरीय देन।।

स्वरचित नहीं, स्वचिंतन नहीं,

सर्वेश्वर की अनुकंपा।।

पर नाम है मेरा अनंतकृष्णन तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक। ஆனால் என்னுடைய பெயர் அனந்த கிருஷ்ணன் தமிழ் நாடு ஹிந்தி பிரேம்ஜி பரப்புனர்.

ईश्वर की सूक्ष्म लीला।। கடவுளின் பூக்கும் லீலை.

பிரார்த்தனை இறைவணக்கம்.

[17/09, 12:52 pm] sanantha .50@gmail.com: मन की बात --மனதின் விஷயம். मनतिन विषयम्।

बताने में है  

मान की बात।

चोल्वतिल  சொல்வதில்

மானத்தின் விஷயம்.मानत्तिन विषयम्।

मनाने की बात। 

ओप्पुतल विषयम्।

बड़ों की बात् --पेरियवर्कळ विषयम्।

छोटों। की बात --चिरियवर्कळ विषयम्।

चोरों की बात --तिरुडर्कळ  विषयम्।

बदों की बात् --केट्टवर्कळ् विषयम्।

ठगों की बात --एमाट्रुपवर्कळ् विषयम्।

राजनैतिक बात  --अरसियल विषयम्।

 राजनीतिज्ञ की दुरंगी बात। अरसियल् इरट्टै विषयंगल।

मोह की बात {मोह विषयंगळ्।

प्यार की बात =कातल् विषयंगळ्।

तुतली बातें --मऴलै पेच्चु।

मनोरंजन की बातें --मनमकिऴ् विषयंगळ्।

वात्सल्य बात ==कुळंतै अन्बु विषयंगळ्।

हास्य बातें -नकैप्पूट्टुम् विषयंगळ्।

रोचक बातें -रुचिकर विषयंगळ्।

अरुचि बातें विरुप्पमट्र विषयंगळ।

सब के  सब मन की बातें एल्लोरिन मनतिन विषयंगळ्।

 मानने की बातें वे ही, जो मान की बातें।

 मनत्तिन विषयंगले एर्कुम  विषयंगळाकुम्।

 इन सब की बातों  में वे ही  पसंद की बातें,

जो अंग जग के कल्याण की बातें हो।

इंद जल्लाद विषयंगलिलुम उलक नन्मैक्कान विषयंगळे

पिडित्त विषयंगळाकुम्।


स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन, तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक।

[17/09, 12:52 pm] sanantha .50@gmail.com: காலை வணக்கம்

நல்ல எண்ணங்கள் 

தீய எண்ணங்கள் 

வெளியிடும் மனிதர்களை

படைத்த இறைவன்

 மனிதனுக்கு மட்டும் கொடுத்த  

ஞானம் அதிலும் அஞ்ஞானம் 

அவன் படைத்த மெய்ஞானம்.

 விலங்குகளில் சைவமே  என ஒருவகை

அசைவமே என ஒருவகை.

ஆனால் மனிதன் எந்த வகை.?

புரியாத புதிராக 

மாயை நிறைந்ததாக படைத்து 

அவன் வேடிக்கை பார்க்கும் விந்தை.

ஆலய சன்னியாசிகள்

ஆஸ்ரம சன்னியாசிகள்

காட்டில் வாழும் சித்தர்கள் .

வீட்டில் வாழும் தான சீலர்கள் 

கஞ்ச பிரபுக்கள் 

ஆணவக்காரர்கள் 

கோபக்காரர்கள் 

 தன்நலம் பொது நலம்

ஹிம்சை அஹிம்சை

நல்லவை அல்லவை அறிந்தும் 

 இன்னலுரும் மனித ஜன்மம்.

காரணம் அகிலம் சமன் பெற.

[17/09, 12:52 pm] sanantha .50@gmail.com: एस.अनंतकृष्णन।

नमस्ते वणक्कम्।

29-8-2022

साहित्य संगम् संस्थान मध्यप्रदेश इकाई।

विषय --अपना कौन?

विधा ==मुक्तक। मौलिक रचना ।

निज शैली।

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  अपना कौन?

 माँ -बाप?

भाई-बहन?

 पति/पत्नी।

 सास -ससुर?

साला--साली?

यार-लंगोटी यार?

 पता नहीं, 

साले 

अमेरिका में।

साली आस्ट्रेलिया में 

लंगोटी यार जापान में।

  सहपाठी/दोस्त

आ सेतु हिमाचल में 

 मैं  सरहद पर

 देश की सुरक्षा में।

बर्फीले प्रदेश में।

 पहाड की चोटी पर।

 केवल मेरी चिंता अरी न आए,

 देश का शत्रुओं द्वारा न खतरा हो।।

 अपना तो देश,

न बाल बच्चों की चिंता।

न नाते रिश्तेदारों की चिंता।।

 अपना तो मातृभूमि ही सब कुछ।।

यहाँ पर परदेशी के प्राण पखेरु उड़ा देना।

 अपना तो भारत के करोड़ों देशवासी।

  देश की सुरक्षा।

 मैं हूँ भारत भक्त, मेरा है भारत महान।।

 स्वरचित स्वचिंतक एस. अनंतकृष्णन तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

[17/09, 12:52 pm] sanantha .50@gmail.com: गणनायक

 मातृ पितृ भक्ति का

 आदर्श ज्येष्ठ पुत्र।।

 नारद के फल पाने

 शिव की एक शर्त।

 गणेश व कार्तिकेय दोनों में

 विश्व भर सैर कर 

 अव्वल आनेवाले को,

 फल ।

 कार्तिकेय का वाहन मोर।

तुरंत उड़ गये अपने वाहन पर बैठ।।

छछूंदर वाहन के  गणेश,

अपने माँ-बाप की प्रदक्षिणा करके,

आते और कहा--

मैं हूँ छोटा बालक। 

आप दोनों ही मेरा अग जग।।

गणेश की बात से हर्षित ,

शिव ने फल को गणेश को ही दे दिया।।

 कार्तिकेय आते तो

गुस्से में कैलाश से सुदूर दक्षिण

 तिरुआइननकुडि क्षेत्र आये।।

 वहीं ठहर गये।

पार्वती देवी पुत्र की तलाश में

दक्षिण आयी।

 कार्तिकेय वापस आने से इन्कार किया।।

पार्वती देवी ने समझाया और कहा

 तू ही फल। फल तू  का तमिल 

अर्थ है  पऴम् नी।

 वहीं आजकल पऴनी से नाम से

प्रसिद्ध मुरुगन का क्षेत्र।। 

 तिरुपति बालाजी मंदिर के बाद

 दक्षिण में बड़ी भीड़ का क्षेत्र।।

भारतीय आध्यात्मिक एकता।

फिर भी स्कंद /कार्तिक/सुब्रह्मण्यम

मुरुगन के नाम से प्रसिद्ध।

तमिल भगवान कहते हैं।

मुरुगु का अर्थ सुंदर्।

 मुरुगन का ध्वज मुर्गा।।

 अतः वह मुरुगा भी उचित नाम।।

भारतीय अलौकिक एकता का प्रत्यक्ष प्रमाण।।


स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन, तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

[17/09, 12:52 pm] sanantha .50@gmail.com: तिरुवल्लुवर का तिरुक्कुरल। 

झूठ मत बोलिए।

आपका अपना मन  तथा आपका  मन  आगे सताता रहेगा कि आप  जान बूझकर झूठ बोले हैं।

 जी  देनेवाली सजा 

आपको चैन से 

जीने न देगी।

  अनुवादक

 एस.अनंतकृष्णन।

तन्नेंजु अरिवतर्कु पोय्यर्क पोय्त्तपिन तन नेंजे तन्नैच्चुडुम्।।

तन्नेंजु --अपना मन

अरिवर्कु  जानता है।

पोय्यर्क  झूठ मत बोलिए।

पोय्त्तपिन=

झूठ बोलने के बाद

तन नेंजे -अपने मन ही

तन्नैच्चुडुम = अपने आप को सताएगा।

[17/09, 12:52 pm] sanantha .50@gmail.com: एस.अनंतकृष्णन प्रह्लाद के प्रभाव से उदित विचार।



अंधेरे के मोह में भी हैं लोग।

कालेधनी, भ्रष्टाचारी, रिश्वतखोरी।

 स्वार्थी तो अंधेरे करते व्यापार।

रंडियों को चाहिए अंधेरी रात।

सौ करोड़ के सांसद, वैधानिक,

अंधेरे की कमाई में पाते पद।

जीवन उनका भागा या अभागा

अनेकों के सद्यःफल तो

रिश्वतों पर चमक रहा है।

सूर्य समान चमकधमक का जीवन!

  छाया न तो सूर्य का महत्व न छा जाता।

 उजाले का माल गोदाम के अंधेरे में।

सोना चांदी भी ताला बंद अंधेरी कोठरी में।।

 मोती अतलपाताल गहराई में।

दस महीने पलनेवाला बच्चा  भी

माँ के अंधेरे गर्भ में।।

खलनायक बिन नायक का महत्व नहीं।

अंधेरे के बिन उजाले का महत्व नहीं।

भगवान की मूर्ति

 मूलस्थान अंधेरे गर्भ गृह में।।

से.अनंतकृष्णन।

स्वरचित स्वचिंतक तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक।

[17/09, 12:52 pm] sanantha .50@gmail.com: तिरुवल्लुवर का तिरुक्कुरल। 

झूठ मत बोलिए।

आपका अपना मन  जानता है कि आप झूठ बोल रहे हैं।वही आपका  मन  आगे सताता रहेगा कि आप झूठ बोले हैं।

 जी  देनेवाली सजा आपको चैन से जीने न देगी।

  अनुवादक

 एस.अनंतकृष्णन।

तन्नेंजु अरिवतर्कु पोय्यर्क पोय्त्तपिन तन नेंजे तन्नैच्चुडुम्।।

तन्नेंजु --अपना मन

अरिवर्कु  जानता है

पोय्यर्क  झूठ मत बोलिए।

पोय्त्तपिन। झूठ बोलने के बाद

तन नेंजे -अपने मन ही

तन्नैच्चुडुम  आप को सताएगा।

[17/09, 12:52 pm] sanantha .50@gmail.com: कृतज्ञता।

 तिरुवल्लुवर रचित तिरुक्कुरल।

 समय की माँग के अनुसार की गयी मदद , लघु होने पर भी ब्रह्माण्ड से बड़ा है।

 कालत्तिनाल सेय्त उदवि  चिरितु  एनिनुम् ञालत्तिल मानप्पेरितु।।

 कालत्तिनाल =समयपुर

सेय्त=की गती

उतवि==मदद

ञालत्तिल=दुनिया से /ब्रह्माण्ड से

मानप्पेरितु = बहुत बड़ा है।

[17/09, 12:52 pm] sanantha .50@gmail.com: ஹிந்தி பட்னா.  हिंदी पढ़ना।

ஹிந்தி படிக்கவும். हिंदी पडिक्क उम्

 பட் -படி पढ़ --पडि .

 ரீட் சம்பந்தமில்லாத சொல். रीड संबंध नहीं।

 பாடம் படி. पाठम्  पढ़ि 

பாட் பட்.  पाठ पढ़।

( ரீட் லெஸன்  நமக்கு கடினம் )

रीड लेसन।  

 तमिल हिंदी मैं संबंध।

 अंग्रेजी  संबंध नहीं।

 अंग्रेज़ी के आते ही भारतीय भाषा पर नफरत।

  एस.अनंतकृष्णन।

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