முதுமொழிக்காஞ்சி.
मुतु मोलिककांची.
यह पतिनें कील kanakku ग्रंथों में एक है.
इसमें एक ही वाक्य में श्रेष्ठ मनुष्य बन्ने का मार्ग है.
शोरगुल की दुनिया में विविध विषयों के ज्ञान प्राप्त करने से मनुष्य के लिए बड़ी विशेष बात है अनुशासन.
शिक्षा से अनुशासन का महत्व है.
२.
एक व्यक्ति से प्यार करने से मनुष्य की विशेषता और श्रेष्ठता
उसके दुखों को दूर करने में है.
दुखी मनुष्य का दुःख दूर करना मनुष्य धर्म है.
३.
सीखी सीख का पालन ही बड़े मेधावी होने से श्रेष्ठ है.सीखी मार्ग पर चलना ही उत्तम है.
४.
दानी बनकर जीने से ईमानदारी से वचन का पालन करना और कर्म करना,सत्यवादिता ही श्रेष्ठ गुण है.
५
नीरोग जीवन ही जवानी के सुखानंद से श्रेष्ठ है.
६.
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