तमिल साहित्य अमूल्य उपदेशों से भरा पड़ा है.इनमें एक है मुथुमोलिक्कांची. इस ग्रन्थ के कवि हैं कूडलूर किलार.
बहुत बड़े संसार में विद्याध्ययन से अनुशासन की बड़ी आवश्यकता है.वही बड़ी असली संपत्ति है.
२.संतान भाग्य ही बड़ा भाग्य है.
३.लोक व्यवहार के अनुसार चलने में ही बड़प्पन है.
४.दूसरों की सेवा में ही नाम मिलेगा.
५.मन है तो मार्ग है.
६..कम खाओ ;दीर्घ आयु पाओ.
७.अत्याचारी के शासन में रहने से आदमखोर के जंगल में जीना श्रेयस्कर है
८.वर्त्तमान के सुखी,भविष्य में भी सुखी.
९.सुरक्षित जीवन के चाहक धर्म-और क़ानून नहीं तोड़ेगा.
१०.जो निडर और साहसी है,उस पर गुस्सा होना बेकार है.
इस ग्रन्थ की विशेषता है-एक ही वाक्य की कविता.यह कहावत के सामान है.
ஆர்கலி உலகத்து மக்கட்கு எல்லாம் ஓதலின் சிறந்தன்று ஒழுக்கம் உடமை
. अनुवाद
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२.संतान भाग्य ही बड़ा भाग्य है.
३.लोक व्यवहार के अनुसार चलने में ही बड़प्पन है.
४.दूसरों की सेवा में ही नाम मिलेगा.
५.मन है तो मार्ग है.
६..कम खाओ ;दीर्घ आयु पाओ.
७.अत्याचारी के शासन में रहने से आदमखोर के जंगल में जीना श्रेयस्कर है
८.वर्त्तमान के सुखी,भविष्य में भी सुखी.
९.सुरक्षित जीवन के चाहक धर्म-और क़ानून नहीं तोड़ेगा.
१०.जो निडर और साहसी है,उस पर गुस्सा होना बेकार है.
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