Sunday, October 25, 2020

नैन नयन आंखें

 वणक्कम।नमस्ते।

आंखें 26102020

पंचेंद्रियों में आंखें प्रधान।।

भगवान को रिझाने आंखें बंद करना

नैनों की करी कोठरी,पुतली का पलंकपर,

भगवान को लिटाकर ,पतली का चिक डालकर ।

भगवान को बाहर न जाने देना।

पर आंखें खोलते खोलते देखते हैं

लाली मेरे लाल की जित देखो तित लाल।

यह लोकिक प्रेम या अलोकिक पता नहीं।।

भगवान को रिझाने आंखें बंद करना,

भगवान के दर्शन के लिए आंखों को खोलना,

परमपद पहुंच ने सदा के लिए आंखें बंद होना,

दुलारने  चंदा है तू,सूरज है तू,

आंखों का तारा है तू।

आंखें रहित जीवन नरक तुल्य ।

शील-अश्लील दृश्य 

सुंदर असुंदर दृश्य 

बिन आंखें कैसे?

स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।


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