आंडाल दक्षिण की मीरा -तिरुप्पावै -२
जग में जीने वाले भक्त जनों ! हम इस मार्गशीर्ष महीने के व्रत की क्रियाएं सुनिए!
क्षीर सागर में लेटे,ईश्वर नारायण की स्तुति करेंगे.
भोगिच्छा के भोजन नहीं करेंगे;
घी ,गोरस आदि नहीं ग्रहण करेंगे;
तडके नहायेंगे;फूल सर पर रखेंगे नहीं;नयनों में नहीं लगायेंगे काजल;
जिन क्रियाएं करने योग्य नहीं ,उनको करेंगे नहीं.
दान-धर्म करेंगे;भिक्षा देंगे;
मन लगाकर व्रत रखेंगे.
यों ही व्रत में मन लगायेंगे.
जग में जीने वाले भक्त जनों ! हम इस मार्गशीर्ष महीने के व्रत की क्रियाएं सुनिए!
क्षीर सागर में लेटे,ईश्वर नारायण की स्तुति करेंगे.
भोगिच्छा के भोजन नहीं करेंगे;
घी ,गोरस आदि नहीं ग्रहण करेंगे;
तडके नहायेंगे;फूल सर पर रखेंगे नहीं;नयनों में नहीं लगायेंगे काजल;
जिन क्रियाएं करने योग्य नहीं ,उनको करेंगे नहीं.
दान-धर्म करेंगे;भिक्षा देंगे;
मन लगाकर व्रत रखेंगे.
यों ही व्रत में मन लगायेंगे.
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