संचालक महोदय को प्रणाम।
संयोजकों को प्रणाम।
सदस्य पाठकों,चहकों,राय प्रकट करनेवालों को नमस्कार।
खुदा इस समुद्र का पानी बदल देँ।
खारे पानी न बदलो,बदलेगा तो भाप बन
वर्षा नहीं होगी। यदि बदल ही दोगे तो
हम प्रदूषित करेंगे ही।
जनसमनदर का विचार बदलो,
भ्रष्टाचारी ,रिश्वतखोरी,स्वार्थी लोभी,
निर्दयी के मन में मानवता भर लो।
बेरहमी के दिल में खुदा बस
रहमी बन जाये।
भारतीय धन चालीस लोगों के पास,
वे जन हित में पूंजी लगाने का दिल बदलो।
रुपए लेकर देकर वोट न देने का विचार बदलो।
बदलो समाज को,बदलो मजहबी कट्टरता को।
बदलो जाति सम्प्रदाय इन्सानियत के
स्वार्थ आध्यात्मिकता को।
जनसमदृ के मन को मानव सेवा,देश सेवा,समाज सेवा,मातृभाष सेवा में बदलो।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण की प्रार्थनाएं
संयोजकों को प्रणाम।
सदस्य पाठकों,चहकों,राय प्रकट करनेवालों को नमस्कार।
खुदा इस समुद्र का पानी बदल देँ।
खारे पानी न बदलो,बदलेगा तो भाप बन
वर्षा नहीं होगी। यदि बदल ही दोगे तो
हम प्रदूषित करेंगे ही।
जनसमनदर का विचार बदलो,
भ्रष्टाचारी ,रिश्वतखोरी,स्वार्थी लोभी,
निर्दयी के मन में मानवता भर लो।
बेरहमी के दिल में खुदा बस
रहमी बन जाये।
भारतीय धन चालीस लोगों के पास,
वे जन हित में पूंजी लगाने का दिल बदलो।
रुपए लेकर देकर वोट न देने का विचार बदलो।
बदलो समाज को,बदलो मजहबी कट्टरता को।
बदलो जाति सम्प्रदाय इन्सानियत के
स्वार्थ आध्यात्मिकता को।
जनसमदृ के मन को मानव सेवा,देश सेवा,समाज सेवा,मातृभाष सेवा में बदलो।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण की प्रार्थनाएं
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