இனி ய காலை வணக்கம்.
मधुरतम प्रातःकालीन प्रणाम.
வை யகம்
படை க் கு ம்
கா க் கு ம்
வைத்தீஸ் ரா போ ற் றி.
ஓம் கணே சா போற்றி.
ஓம் கா ர்த்திகேயா போற்றி
ஓம் நமசிவாய போ ற் றி.
ஓம் து ர் கை யே போற்றி.
जग निर्माता
जग रक्षक
वैद्यनाथाय नमः
गणेशाय नमः
ऊँ नमः शिवाय
ऊँ दुर्गायै नमः
जग जीवन में
ज्योतिर्मय स्वरूप
जगन्नाथ ,विश्वनाथ
जो भी हो, उन पर दृढ विश्वास
रखकर ईमानदारी से
बढ़नेवाला देश ही
संपन्न है.
हमारे देश में
ईश्वरानुग्रह की कमी नहीं.
पर ईश्वर के नाम से,
लूटनेवालों की कमी भी नहीं है.
लुटेरा कष्ट भोगते ही है, पर
उनका बाह्याडंबर,
लोगों को अंधे बनाते हैं.
मिथ्या हमेशा चतुर शैतान है.
कबीर ने कहा- सत्य पर
कोई विश्वास नहीं रखता.
सत्य मार्ग गली गली घर घर
अपने महान सुख की महानता को
प्रचार करते ही रहते हैं. पर
दूध के गली गली घर घर
बेचकर भी दूधवाला गरीब ही रहता है.
मदिरा बेचनेवाला,
जहाँ मद्य निषेध है, वहाँ भी कहीं छिपकर बैठता है,
लेनेवाले उसकी तलाश में जाकर खरीदा है, वह मालामाल हो जाता है.
उसके पाप की कमाई से
रिश्वत लेनेवाला,
उस पाप धन पर मंत्री बन.जाता है.
उस पापी के सद्यः फल के पापी के चिकनी चुपड़ी बातों पर भरोसा रखनेवाले, संतों को सदुपदेश पर तनिक भी
ध्यान नहीं देते. यही दुख का बुनियाद बन जाता है.
उस बुनियाद पर बनायी सुंदर मानव जीवन की
इमारत भी संकट से भरे रहते हैं.
विश्व शांति के लिए बुद्धि मान
मनुष्यौं को समझाने के लिए
संत के उप देश गली गली होते हैं.
पर सुना कोई नहीं है. संसार सदमा से परिपूर्ण है.
इसीलिए अवतार पुरुष भी दुख सहकर ही स्वर्ग गए हैं.
माया या शैतान प्रबल है.
मधुरतम प्रातःकालीन प्रणाम.
வை யகம்
படை க் கு ம்
கா க் கு ம்
வைத்தீஸ் ரா போ ற் றி.
ஓம் கணே சா போற்றி.
ஓம் கா ர்த்திகேயா போற்றி
ஓம் நமசிவாய போ ற் றி.
ஓம் து ர் கை யே போற்றி.
जग निर्माता
जग रक्षक
वैद्यनाथाय नमः
गणेशाय नमः
ऊँ नमः शिवाय
ऊँ दुर्गायै नमः
जग जीवन में
ज्योतिर्मय स्वरूप
जगन्नाथ ,विश्वनाथ
जो भी हो, उन पर दृढ विश्वास
रखकर ईमानदारी से
बढ़नेवाला देश ही
संपन्न है.
हमारे देश में
ईश्वरानुग्रह की कमी नहीं.
पर ईश्वर के नाम से,
लूटनेवालों की कमी भी नहीं है.
लुटेरा कष्ट भोगते ही है, पर
उनका बाह्याडंबर,
लोगों को अंधे बनाते हैं.
मिथ्या हमेशा चतुर शैतान है.
कबीर ने कहा- सत्य पर
कोई विश्वास नहीं रखता.
सत्य मार्ग गली गली घर घर
अपने महान सुख की महानता को
प्रचार करते ही रहते हैं. पर
दूध के गली गली घर घर
बेचकर भी दूधवाला गरीब ही रहता है.
मदिरा बेचनेवाला,
जहाँ मद्य निषेध है, वहाँ भी कहीं छिपकर बैठता है,
लेनेवाले उसकी तलाश में जाकर खरीदा है, वह मालामाल हो जाता है.
उसके पाप की कमाई से
रिश्वत लेनेवाला,
उस पाप धन पर मंत्री बन.जाता है.
उस पापी के सद्यः फल के पापी के चिकनी चुपड़ी बातों पर भरोसा रखनेवाले, संतों को सदुपदेश पर तनिक भी
ध्यान नहीं देते. यही दुख का बुनियाद बन जाता है.
उस बुनियाद पर बनायी सुंदर मानव जीवन की
इमारत भी संकट से भरे रहते हैं.
विश्व शांति के लिए बुद्धि मान
मनुष्यौं को समझाने के लिए
संत के उप देश गली गली होते हैं.
पर सुना कोई नहीं है. संसार सदमा से परिपूर्ण है.
इसीलिए अवतार पुरुष भी दुख सहकर ही स्वर्ग गए हैं.
माया या शैतान प्रबल है.
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