Sunday, October 31, 2021

ஹிந்தி மொழி பெயர்ப்பு. कन्नड़ कवि सिद्धलिंगय्या जी की कविता मैं मरूँगा तो आप रोएँगे, फूल चढाएँगे,फूल माला चढाएँगे। वह आवाज मेरी लाश न सुनेंगे। वह सुगंध न सूँघ सकता। मेरे जिंदा रहते आप को कुछ देना है, तभी मौज उठा सकता। मेरी मृत्यु के बाद प्रशंसा की वर्षा करेंगे। मैं न सुन पाऊँगा। मेरे जिंदा रहते, तारीफ करेंगे तो क्या आप हीन हो जाएँगे? मेरी भूलों को माफ करेंगे, मैं तो समझ नहीं पाऊँगा। क्या मेरे जिंदा रहते आप क्षमा नहीं कर सकते? मेरे अभाव में आप पछताएँगे, वह अभी नहीं कर सकते। मेरी मृत्यु खबर सुनकर ,मेरे यहाँ सरपट आएँगे। ये सब मेरे प्राण पखेरु उड़ने के पहले करते तो मैं प्रत्यक्ष एहसास करता। अनुवादक एस.अनंतकृष्णन, स्वचिंतक। हिंदी प्रेमी प्रचारक चेन्नई।

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