Monday, May 7, 2012

HINDU RELIGION----EXTREME AND SUPREME WHY?/!!!

जंगली कौन है?


तानिल्नादु में  जगह -जगह पर एक नेता की मूर्ति है जिनके पीठ पर लिखा है----



नहीं ,नहीं,भगवान नहीं।भगवान पर का विशवास जंगलीपन है।भगवान की प्रार्थना मूर्खता है।

उनके अनुयायी आजकल भगवान की प्रार्थना में लगे हैं।उनकी बहुत संपत्ति की रक्षा केलिए गुप्त रूप में पूजा -आराधना कर रहे हैं।

बुढापे में उन्होंने युवती से शादी करके समाज का सुधार किया है।

राम।कृष्ण,विघ्नेश्वर की मूर्तियों को सेलम के जुलुस में जूतों से मारा है।

करोड़ों भक्त सिवा प्रार्थना के कुछ कर न सके।आज भी  मंदिर के सामने उनकी मूर्ती है।

हिन्दी ,हिन्दु, देव,ब्रह्मण आदि का सर्वनाश करना उस दल का प्रधान सिद्धांत है।

बहुसख्यक  हिन्दू  सह रहे हैं।यही हिदू धर्म की श्रेष्ठता है।





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